tag:blogger.com,1999:blog-1454408816418248845.post8504303654350790965..comments2020-06-22T13:03:09.543-07:00Comments on हमारे भीतर कुछ है, जिसका कोई नाम नहीं, वही कुछ हम हैं...: नहीं तुमने अपनी सज़ा नहीं काटी है ALPYU SINGHhttp://www.blogger.com/profile/11800465430932214772noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1454408816418248845.post-81952856731458064072015-06-19T10:23:27.882-07:002015-06-19T10:23:27.882-07:00यहां सवाल सोहनलाल को शारीरिक कष्ट दिए जाने या फिर ...यहां सवाल सोहनलाल को शारीरिक कष्ट दिए जाने या फिर कैद की सज़ा दिए जाने को लेकर नहीं है,<br />सवाल सिर्फ इतना है कि दर्द का जो सफ़र अरूणा शानबाग ने इतने साल तय किया ,क्या उसका हज़ारवां हिस्सा भी सोहनलाल वाल्मिकी को छू भर कर भी गया ?ALPYU SINGHhttps://www.blogger.com/profile/11800465430932214772noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1454408816418248845.post-89897592181835211052015-06-19T10:23:11.759-07:002015-06-19T10:23:11.759-07:00यहां सवाल सोहनलाल को शारीरिक कष्ट दिए जाने या फिर ...यहां सवाल सोहनलाल को शारीरिक कष्ट दिए जाने या फिर कैद की सज़ा दिए जाने को लेकर नहीं है,<br />सवाल सिर्फ इतना है कि दर्द का जो सफ़र अरूणा शानबाग ने इतने साल तय किया ,क्या उसका हज़ारवां हिस्सा भी सोहनलाल वाल्मिकी को छू भर कर भी गया ?ALPYU SINGHhttps://www.blogger.com/profile/11800465430932214772noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1454408816418248845.post-68286134079443612302015-06-18T07:18:30.751-07:002015-06-18T07:18:30.751-07:00किसी को बार-बार सजा नहीं दी जा सकती। हालांकि ढूंढ ...किसी को बार-बार सजा नहीं दी जा सकती। हालांकि ढूंढ लिए जाने पर फिर से सोहनालाल उस सजा को भोगना शुरू कर ही चुका है जो समाज किसी को बहिष्कार के तौर पर देता है। सोहनलाल को सजा चाहे जितनी हुई हो, वो उसवक्त के कानून से थी। जाहिर है कि ऐसा व्यक्ति आसानी से समाज में इतने साल तक जिंदा रहा पर उसके आसपास के लोगो को पता ही नहीं चला कि वो कौन था? हालांकि एक बार सजा दे दिए जाने के बाद सोहनलाल को कठघरे में खड़ा करना बेकार था। Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1454408816418248845.post-41654793600846484832015-06-16T11:03:26.462-07:002015-06-16T11:03:26.462-07:00 अप्रतिम, बेजोड़, बेमिसाल अप्रतिम, बेजोड़, बेमिसालSyed Izhar Arifhttps://www.blogger.com/profile/15010432978360761611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1454408816418248845.post-84703750535073486332015-06-15T04:49:39.390-07:002015-06-15T04:49:39.390-07:00अरुणा शानबाग के ज़रिए देश की क़ानून व्यवस्था का ज़...अरुणा शानबाग के ज़रिए देश की क़ानून व्यवस्था का ज़ख्म चार दशक से रिस रहा था...लेकिन अरुणा पर हमारे मीडिया का ध्यान तब ही गया जब निर्भया जैसा जघन्य अपराध हुआ या अरुणा ने खुद ही दम तोड़ दिया...ऐसे में सोहनलाल में टीआरपी नज़र आई तो उसे ढूंढ निकाला गया...सोहनलाल ने जो किया था, वो फांसी से कम सज़ा दिए जाने लायक हर्गिज नहीं था...लेकिन वो सात साल की सज़ा पर ही छूट गया...कसूर किसका था हमारी न्याय प्रणाली का...जांच व्यवस्था का....सोहनलाल तो कोई रईस भी नहीं था जो पैसे के दम पर पुलिस वालों या सबूत मुहैया कराने वाली अन्य एजेंसियों को अधिक प्रभावित कर सकता...सोहनलाल के ख़िलाफ़ साक्ष्य मज़बूती से पेश नहीं किए गए जिसकी वजह से उसे फांसी नहीं हुई...लेकिन हमारा क़ानून ये भी कहता है कि एक ही अपराध के लिए आपको दो बार सज़ा नहीं दी जा सकती...अरुणा मुकम्मल इनसाफ़ के बिना 42 साल तक दर्द सहने के बाद इस दुनिया से चली गई...अरुणा की मौत मीडिया के लिए एक-दो दिन का मुद्दा थी जिसके चलते सोहनलाल एक बार फिर प्रासंगिक हो गया था...इसलिए उसे पाताल से भी बाहर निकाल लिया गया...वही सवाल पूछे जाने लगे जो निश्चित तौर पर मुकदमे के दौरान भी पूछे गए होंगे...मीडिया के लिए अरुणा शानबाग या सोहनलाल सिर्फ ज़रिया है, उसकी असली फ़िक्र मौके को भुनाना है...यही टीआरपी का अर्थशास्त्र है...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1454408816418248845.post-37197733778941978252015-06-15T04:47:19.004-07:002015-06-15T04:47:19.004-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1454408816418248845.post-85277600205373331982015-06-15T00:55:39.723-07:002015-06-15T00:55:39.723-07:00स्वागत है... स्वागत है... Apna-paharhttps://www.blogger.com/profile/07414805074230571725noreply@blogger.com