बुधवार, 10 जून 2015

एक शुरुआत, एक कोशिश जारी रहेगी....

मन का लैंडस्केप (Man Ka Landscape) जैसे मन न हुआ कोई तस्वीर हो गई , सही बात है मन में भी तो कई
तरह के चित्र विचारों और भावनाओं की शक्ल में उमड़ते ही रहते हैं हर वक्त ....बस उन्हीं को शब्दों में
उतारने की कोशिश है ।

6 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लॉगिंंग की दुनिया में स्वागत...

    जय हिंद...

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  2. स्वागत है । ब्लौगर सदस्यता बटन लगा लेते तो फौलो कर लेते । खबर मिलती रहती कुछ छपने छपाने की :)

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  3. स्वागत है । ब्लौगर सदस्यता बटन लगा लेते तो फौलो कर लेते । खबर मिलती रहती कुछ छपने छपाने की :)

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  4. खुशदीप सहगल जी आप की मैं हमेशा आभारी रहूंगी आपने ब्लॉगिंग की दुनिया में मुझे ना केवल परिचित करवाया बल्कि समय समय पर आपने बहुत मदद भी की नए लोगों को ब्लॉगिंग में ला कर आप अच्छा कर रहे हैं । लेकिन इन सज्जन का नाम भी हमें पता होना चाहिए । इन्हें हमारी ओर से बहुत बहुत शुभकामनाएं
    .

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  5. खुशदीप सर,ये आपकी ही वजह से है कि अपने विचारों को एक जगह,एक प्लेटफॉर्म पर लाने का सोच पाई, सुशील जी,सर्जना जी धन्यवाद । सर्जना मैम आपका सुझाव अच्छा है, वैसे आपसे तो मेरा पुराना परिचय है मैम

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  6. बिना इस बात की चिंता किए कि कोई टिप्पणी कर रहा है या नहीं, बस अच्छा लिखते जाओ...एक दिन स्वयं अपने साथ कारवां खड़ा पाओगी...

    जय हिंद...

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